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ई ह यूपीए सरकार तू देख बबुआ….

Guru Ji
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ई ह यूपीए सरकार तू देख बबुआ……. बस देखते जाईये. अभी तो दो साल और बाकी हैं. इन दो सालों में न जाने कितने गुल और खिलने वाले हैं…. परेशान काहें होते हैं…सब किया-धरा भी तो हमारा ही है..जब हमने ही कुर्सी सौंपी है तो झेलना भी हमीं को है… भस्मासुर को आशीर्वाद देने वाले हमीं हैं तो भस्म भी तो हमीं को होना है…. शिव जी की कथा नहीं सुने हैं का….यदि नहीं सुने हैं तो पंडित जी को बुलाईये और सुनिए. कुछ अपने वेद-पुराणों से सीखिए. वैसे हम भी कौन से बहुत बड़े ज्ञानी महात्मा हैं….कहीं सुने थे तो आप को बता दे रहे हैं..अब कौनो विष्णु जी नहीं आने वाले सुंदरी का वेश धर के..अब आयेंगी भी तो सन्नी लियोन जैसी ही आयेंगी…ई हमें बचायेंगी क्या.. खुद ही भस्म करने पे तुल जाएँगी…

सरकार ने पेट्रोल का दाम क्या बढ़ाया लोग बौखला गये. लगे.. पेट्रोलपम्प पर लाईन लगाने…..ऐसा लगा जैसे आज ही पूरी जिंदगी भर का पेट्रोल अपनी गाड़ी में भरवा लेंगे… होने लगा धरना-प्रदर्शन. पूरे देश में मच गया बवाल… धत…ई भी कौनो बात है… काहें अपनी इनर्जी खराब करने पे तुले हो…इतना मत ताव खाओ….थोडा ठंड रखो….एक तो वैसे ही यूरिया खा-खा के खून पानी हुआ पड़ा है. अरे… जो कुछ बची-खुची है उसे संभाल कर रखो….अभी बहुत कुछ देखना है…. अभी देखा ही क्या है. इससे भी हसीन और बड़े-बड़े मंज़र सामने आने वाले हैं……

हम तो ठहरे निठल्ले… देश-दुनिया की खबर तो रहती ही नहीं है….रमता जोगी,बहता पानी वाला हाल है…..उ तो भला हो हमरे खबरची लाल का जिनसे हमको खबर मिली कि पेट्रोल का दाम बढ़ा है…. वही हांफते-दौड़ते……हाथ में अखबार लिए हुए…… चिल्लाते हुए…. हमारे पास पहुंचे….भईया….पेट्रोल…दाम…..आग…..देश…. हम भी उनकी पूरी बात समझ नहीं पाए. उसकी आधी-अधूरी बात सुन के घबरा गये….

सोचने लगे… लगता है.. कौनो पेट्रोल रिफाइनरी में बम फूट गया है. आग लग गयी है….देश जल कर स्वाहा हो रहा है… लगता है दो हज़ार बारह का परलय आ गया है तभी पूरे देश में आग लग गई है…और मन ही मन प्रसन्न भी हुए… चलो हम तो अभी बचे हुए है… लगता है इस श्रृष्टि के सबसे पुण्य प्रतापी हमीं है…हमारा सीना भी फूल के कुप्पा हो गया…इधर हम अपना खयाली पुलाव पकाने में लगे थे उधर उ हमको झकझोरे जा रहे थे….

हम भी झुंझला के पूछ बैठे…काहें परेशान हो…जब परलय आ ही गई है तो जो होगा देखा जायेगा…

तब उ हम से बोले….

अरे भईया परलय-वरलय नहीं आई है…पेट्रोल का दाम साढ़े सात रूपया बढ़ गया है….पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है…चारों तरफ धरना-प्रदर्शन हो रहा है….

तो होने दो न….दो-चार दिन चिचियायेंगे फिर शांत हो जायेंगे….

कहने लगे…इससे अब और महंगाई बढ़ेगी…आम जनता परेशान होगी…सुनने में आ रहा है केरोसिन,डीजल,गैस सबके दाम बढ़ेंगे. एक तो महंगाई ऐसे ही कहर मचाये हुए है, ऊपर से यह कोढ़ में खाज…..

हम बोले..तो बढने दो…..तुम काहें नाहक ही चिंता में मरे जा रहे हो….जब जनता ‘आम’ ही है तो आम जैसे निचोड़ी ही जायेगी...

फिर बोले…. अरे भाई ई सब गाडियां कैसे चलेगीं…आदमी पेट्रोल भराते-भराते परेशान हो जायेगा…

अब हम से नहीं रहा गया और बोल पड़े…. कौन जरुरत है मोटर गाड़ी से चलने की. देह-देह पर तो गाड़ी रखे हो….बाबूजी स्कूटर से चलेंगे…भईया जी मोटरसायकिल से….बेटवा-बिटिया स्कूटी से… पूरा परिवार कार से…… जब नबाबों का शौक पालोगे तो ऐसा ही होगा. अभी तो पेट्रोल छुआया है आगे-आगे देखते जाओ क्या-क्या छुआते हैं….

अरे उन्होंने ने कौन सा गलत काम कर दिया है…..अरे भाई…देश की तिजोरी खाली हो गई है…घर ले जाने के लिए कुछ बचा ही नहीं है…दो साल का समय है….आखिर गुज़ारा कैसे होगा. जाहिर सी बात है हमसे-तुमसे ले कर ही  भरेंगे…सरकार का काम ही यही होता है…अपना खजाना भरना हो तो जनता से बसूली करो……ई तो सदियों से होता आया है. प्रजा के ही धन पर राजा मौज करता है….बहुत तकलीफ है तो जाओ तुम भी राजा बन जाओ.. राजा ही क्यों…कलमाड़ी बन जाओ…रेड्डी बन जाओ…येदुरप्पा बन जाओ….कन्निमोझी बन जाओ….मायावती बन जाओ….और भी न जाने कौन-कौन हैं…. जो मन करे सो बन जाओ….मजे करोगे कौनो चिंता नहीं रहेगी….

अरे छोडो मोटर-गाड़ी से चलना. पैदल चलो….साईकिल से चलो…देखते नहीं थे हमारे पुरनिया कैसे मीलों पैदल ही चले जाया करते थे. सेर भर सतुआ (सत्तू) गमछा में बांधे और चल पड़े……ले लउरिया चल देउरिया….उनसे कुछ सीख लो….विजन 20-20 का सपना मत देखो. उनीसवीं सदी में लौट चलो…बहुत सुकून मिलेगा….

आप सब भी निश्चिन्त रहें…शांत रहें….. इस मुगालते में न रहें कि सरकार ने साढ़े सात रुपये पेट्रोल महंगा कर के अपने ऊपर साढ़े-साती मोल ले ली है. सरकार को कुछ नहीं होने वाला. जो भी होना होगा आप सब को होगा. शनि महाराज भी उनके ही फेवर में हैं. आप सब को चाहिए कि शनि महाराज को प्रसन्न करने हेतु कुछ हवन-पूजन कराएँ…. सरकार जो दान-दक्षिणा मांगती है देते जाएँ. आपका कल्याण होगा…..

लउरिया (लट्ठ), देउरिया(जिला-देवरिया)

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